रेडिएशन के साइड इफैक्ट और उससे बचने के तरीके
क्या है रेडिएशन
रेडियोएक्टिव पदार्थों के विखंडन से अल्फा, बीटा और गामा किरणें निकलती हैं। ये किरणें शरीर पर खासे दुष्प्रभाव डालती हैं। ज्यादा रेडिएशन होने पर विकलांगता का खतरा हो जाता है।
शरीर के लिए रेडिएशन से नुकसान
त्वचा में
बालों से शरीर में दाखिल होकर त्वचा के कैंसर का कारण बनता है।
आंखों में
मोतियाबिंद का खतरा।
थॉयरॉयड ग्रंथि
रेडियोएक्टिव विकीरण से थॉयरॉयड ग्रंथि नष्ट हो सकती है।
फेफड़े
फेफड़ों-स्तन कैंसर का खतरा।
पेट
आंतों पर बुरा प्रभाव, मतली, खून का उल्टी और डायरिया।
जनन तंत्र
अंडाशय और अंडाणुओं पर दुष्प्रभाव, पुरुषों में वृषण और प्रोस्टेंट ग्रंथि में क्षति।
रक्त
श्वेत रक्त कणिकाओं में गंभीर क्षति, जिसके चलते संक्रमण का खतरा।
अस्थि मज्जा
ब्लड कैंसर का खतरा, लक्षण- बुखार, बाल गिरना, उल्टी होना और डायरिया होता है।
क्या होता रेडिएशन के फैलने से
- परमाणु रेडिएशन फैलने से हवा में दो तरह की धाराएं बह निकलती हैं। थर्मल एनर्जी नामक पहली हवा सबसे गर्म होती है, जो मनुष्य की त्वचा, पौधों और पशुओं को जला डालती है। साथ ही मानव को अंधा कर देती है। दूसरी तरह की रेडिएशन धारा में स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें हो जाती हैं। पहले कैंसर और फिर मौत तक हो जाती है।
- रेडिएशन के कारण रेडियोधर्मी तत्व मिट्टी पर बैठ जाते हैं और पानी में घुल जाते हैं। इसके प्रभाव वाले इलाके में पौधे नहीं पनप पाते।
- दुनिया में गर्मी बढ़ जाती है। अर्थात् रेडिएशन से ग्लोबल वार्मिंग की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
कैसे बचें रेडिएशन से
- बचने का सबसे आसान तरीका है भूमिगत कमरे में चले जाना।
- भूमिगत कमरा न हो तो बड़ा-सा गड्ढा खोदकर उसमें छिप जाना।-
गड्ढा भी न खोदा जा सके तो घर में ही दरवाजे-खिड़कियां बंद कर रहना।
- जरूरत का सारा सामान पहले से घर में इकट्ठा कर लेना।
- कोई पीडि़त व्यक्ति हो तो उसे अलग-थलग रखना।
- आश्रय स्थल पर साफ पेयजल की दो माह की आपूर्ति रखना। प्लास्टिक के जगों में पानी रखा जा सकता है।
- रेडिएशन सबसे घातक पानी में भी होता है। इसलिए पानी को उबालकर पिया जाना चाहिए।
- हमेशा समाचारों के संपर्क में रहना, ताकि रेडिएशन के स्तर का पता चलता रहे।
विश्व के बड़े परमाणु हादसे-
हिरोशिमा ,नागासाकी
6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर अमेरिका द्वारा फेंके गए परमाणु बम से 70 से 80,000 लोग मौके पर ही मारे गए। तीन दिन बाद नागासाकी पर फेंके बम से 40 से 75,000 लोग मारे गए।
- चेर्नोबिल
यूक्रेन स्थित चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टर नंबर चार में 26 अप्रैल 1986 को भीषण विस्फोट हुआ, जिससे टनों रेडिएशन बाहर की ओर बह निकला। विस्फोट से 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए।-
पनडुब्बी के-19
के-19 सोवियत संघ की पहली दो परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस पनडुब्बी थी। 4 जुलाई 1961 को के-19 के रिएक्टर में रिसाव से हो गया, जिससे मुरम्मत को आए 7 इंजीनियर मारे गए।
- लित्वीनेंको
अलेक्जेंडर लित्वीनेंको केजीबी के पूर्व अधिकारी थे। रूस में मुकदमों से बचकर वे ब्रिटेन जा पहुंचे। नवंबर 2006 में चाय के कप में घातक पोलोनियम-210 मिलाकर उन्हें मार डाला गया था। यह रेडिएशन था।
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